आज के तेजी से बढ़ते दुनिया में, मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को नजरअंदाज कर देना आसान है। हमारे व्यस्त जीवन अक्सर स्वास्थ्य के लिए थोड़ा समय बचाते हैं, जिससे हमारे मानसिक भलाइ कम हो सकती है। हालांकि, हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को महत्व देने की तरह, हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी बराबर की ध्यान देना महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को जानेंगे और उसे बनाए रखने के लिए व्यावाहारिक सुझाव प्रदान करेंगे।

मानसिक स्वास्थ्य: सुखमय और सकारात्मक जीवन की दिशा

किसी भी व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बहुत जरूरी हैं। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है लेकिन उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो उसे अपने जीवन में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक स्वास्थ्य से एक व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है, उसके भीतर आत्मविश्वास आता कि वे जीवन में तनाव से सामना कर सकता है और अपने काम या कार्यों से अपने समुदाय के विकास में योगदान दे सकता है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य-संबंधी व्यवहार, फैसले, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार आदि को प्रभावित करता है और शारीरिक रोगों के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ही व्यक्ति को बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध का सहभागी बनना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा तो उसका जीवन भी सही रहेगा।

इसलिए हम आपको अपने इस ब्लॉग पोस्ट में मानसिक विकारों से जुड़ें हर पहलू के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा। पर आइए सबसे पहले जान लेते हैं, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

अगर आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी है तो आप जो चाहे अचीव कर सकते है। हर छोटी बड़ी स्थिति मे हमेशा दो एंगल होते है। पॉजिटिव और नेगेटिव ।
आपका चेहरा आपकी मेंटल हेल्थ का आइना होता है।
एक छोटा सा उदाहरण देता हूं आपको। आजमा कर देखना। जब कभी ग्रहणी खाना बनाते समय गुस्से मे हो या दिमाग कही और चल रहा हो खाना कभी अच्छा नही बनेगा चाहे वो कितना भी अच्छा खाना बनाती हो। और अगर वही अगर खुश और शांत दिमाग से खाना बनाती है तो खाना बहुत स्वादिष्ट बनता है।
सोचना अगर हम नेगेटिव माइंड सेट रखते है तो हम घर मे भी खाने मे सबको वही परोस रहे है। होना ये चाहिए हम गृहणियों को सबकी प्यार और पॉजिटिव vibes परोसनी चाहिए।
बहुत से लोग ये मानते है कि वो 80 – 90 की age में ऊपर जाएंगे । काफी लोग ये विश्वास करते हुए अपनी खुद की Bio-clock दिमाग में उसी तरह से set कर लेते है, की 50-60 की उम्र में सभी बीमारियां उन्हे घेर लेंगी । तभी लोग सामान्यतः 50-60 की उम्र में बीमारियों से घिर जाते है और जल्दी भगवान को प्यारे हो जाते हैं ।
Actually हम अंजाने में अपनी गलत Bio-clock सेट कर लेते है ।

आजकल लोग ज्यादा हो रहे मानसिक बीमार

आजकल की भागदौड़, लाइफस्टाइल और कंपटीशन की वजह से लोग ज्यादा स्ट्रेस या तनाव के शिकार हो रहे हैं. सिर्फ यंगस्टर ही नहीं हर वर्ग के लोग मानसिक रोग के शिकार हो रहें हैं. एक हेल्दी लाइफ के लिए आपका खुश रहना बहुत जरूरी है. अगर आप स्ट्रेस-एंग्जायटी के शिकार होते हैं तो इससे आपके हेल्थ पर सबसे पहले असर पड़ेगा.

मानसिक बीमारियों का कारण – Causes of Mental Illness

मानसिक स्वास्थ्य में हमारे भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण (emotional, psychological, and social well-being) शामिल हैं। यह प्रभावित करता है कि हम कैसे सोचते हैं, महसूस करते हैं और कार्य करते हैं। आपका मानसिक स्वास्थ्य उम्र बढ़ने के साथ बदलता चला जाता है।  अपने जीवन के दौरान, अगर आप मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करते हैं तो इसके बारें में जानना, डॉक्टर की मदद लेना और इलाज करवाना बेहद जरूरी है क्योंकि ये आपकी सोच, मनोदशा और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे कई अन्य कारण भी हैं, जो कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जैविक कारक (Biological factors), जैसे कि जीन या मस्तिष्क रसायन
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पारिवारिक इतिहास (Family history of mental health problems)
  • जीवन के अनुभव, जैसे आघात या तकलीफ (Life experiences, such as trauma or abuse)
  • जीवन में अवसाद रूपी वातावरण के कारण (Depressive Environment)
  • बचपन का आघात लगने के कारण (Childhood trauma)
  • तनावपूर्ण घटनाएं जैसे किसी प्रियजन को खोने के कारण (Stressful events of life)
  • नकारात्मक विचारों के बढ़ने के कारण (Negative thoughts)
  • अनहेल्दी आदतों जैसे कि पर्याप्त नींद न लेना या खराब खान-पान की वजह से (unhealthy lifestyle)
  • ड्रग्स और अल्कोहल का दुरुपयोग से( Abusing drugs and alcohol)
  • एक लंबी बीमारी के उपचार के बाद (treatment with a chronic disease)

दिमाग को खुश रखने के लिए अपने रूटीन में शामिल करें ये चीजें

  • हर दिन हेल्दी डायट अपने रूटीन में शामिल करें.
  • योग या एक्सरसाइज के लिए समय निकालें.
  • अगर घर से दूर रहते हैं तो अपने परिवार से वीडियो कॉल और फोन पर बातें करें.
  • वीकेंड पर दोस्तों के साथ मिलकर मूवी या पार्टी का प्लान करें.
  • अगर आपको घूमना पसंद है तो महीने में एक बार कहीं बाहर घूमने का प्लान बनाए.
  • कुकिंग पसंद है तो अपनी पसंद की छुट्टी के दिन कोई डिश बनाएं.
  • अगर आपको प्लांटिंग का शौक है तो ये भी कर सकते हैं. प्लानटिंग स्ट्रेस को खत्म करता है.
  • आप कोई हॉबी क्लास भी जॉइन कर सकते हैं.जैसे-सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग, पॉटरी.
  • वीकेंड पर दोस्तों के साथ शॉपिंग को भी जा सकते हैं.
  • पॉजिटिव सोचें
  • शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचें
  • ऐसा कुछ करें जिससे आपका मन लगा रहे और आप खुश रहें

नो हेल्थ विदाउट मेंटल हेल्थ

स्वस्थ रहे खुश रहे 👍💪❤️❤️🙏🙏🐅

टाइगर

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